January 15, 2024
कुमाउनी लोक-साहित्य में घुघुत- संजय घिल्डियाल
पाश्चात्य ज्ञान मीमांसा मुख्य रूप से सामाजिक परिदृश्य तथा प्राकृतिक क्षेत्र के मध्य विरोध पर आधारित है।1 ऐसा विरोध पारिस्थितिक परिप्रेक्ष्य को नितांत रूप से
January 14, 2024
हिन्दी साहित्य और न्यू मीडिया- लीलाधर मंडलोई से मेधा नैलवाल का साक्षात्कार
मेधा नैलवाल – हिंदी साहित्य और न्यू मीडिया के संबंध को आप किस तरह देखते हैं ? लीलाधर मंडलोई– हिन्दी और न्यू मीडिया के संबंध में
January 14, 2024
हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया पर याद आता है- देवेन्द्र आर्य
ग़ालिब एक सांसारिक कवि हैं। मोह-लिप्त मगर माया-निर्लिप्त। दुनियाबी रंगीनियों को अगर होठों से पीने में हाथ साथ न दे रहे हों,
January 14, 2024
हर्षिल पाटीदार की कविताएं
पिता वे सिर्फ एक छत ही नहीं,पेपरवेट भी थे.जैसे ही हटे,हमकागज के पन्नों-सेबिखरते चले गए.*** यथार्थ जब मैं स्वयं कोसम्पूर्ण रूप सेपवित्र समझ चुका
January 14, 2024
आलोचना / समीक्षा
बाकी सभी बकाया लोगों का एक छिटका हुआ कवि-मनुष्य
February 15, 2013
विज्ञान के दरवाज़े पर कविता की दस्तक- दूसरी कड़ी
July 27, 2011
समाज और संस्कृति
कुमाउनी लोक-साहित्य में घुघुत- संजय घिल्डियाल
January 14, 2024
उत्तम वाग्गेयकार कुमार गंधर्व : रवि जोशी
February 4, 2018
मनुष्यता का महान आख्यान : कमल जोशी/1
July 4, 2017
कविता
ग़ज़ल
March 28, 2008
येहूदा आमीखाई
October 8, 2007
अरुणा राय की एक कविता
August 9, 2010
सूचनाओं के संसार में
October 18, 2008
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हिन्दी दलित आत्मकथाओं में स्वानुभूति –जगदीश चन्द्र
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लाल्टू – कविता की अपनी बौद्धिक दुनिया है !
December 14, 2009
विपिन चौधरी की कविताएं
August 24, 2012
व्योमेश शुक्ल की एक कविता
January 26, 2010