अनुनाद

अनुनाद

अंतिम दिन की अनुभूति – चन्द्रकांत देवताले

एक टीस, एक लहर…. जो अभी उठनी शुरू हुई है…और ऊंची उठती जाएगी…. यह कविता अनुप्रिया देवताले ने शेयर की है।
वीडियो परिकल्पना रुचिता तिवारी की है, सहयोग युवा कवि अमित श्रीवास्तव का।

0 thoughts on “अंतिम दिन की अनुभूति – चन्द्रकांत देवताले”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top