मालिनी गौतम की कविताएं 1. दर्द पके-पके-से लड़की जब भी देखती है काँच के पानी भरे ग्लास में पड़े बर्फ के चौकोर टुकड़े को उसे लगता है एक और Read More » February 20, 2017
ईरानी कवयित्री और ऐक्टिविस्ट नसरीन परवाज़ की कविता : अनुवाद और प्रस्तुति – यादवेन्द्र ईरानी कवियित्री और ऐक्टिविस्ट नसरीन परवाज़ जेल की सज़ा भुगत चुकी हैं। मानव त्रासदी कितनी कितनी विकट होती है, फिर भी साधारण लोग अपने conviction Read More » February 10, 2017
वर्तमान सन्दर्भ में उत्तरभारतीय तालों का व्यावहारिक स्वरूप: एकअध्ययन वर्तमान सन्दर्भ में उत्तर भारतीय तालों का व्यावहारिक स्वरूप: एकअध्ययन श्रीमती ललिता, शोधार्थिनी, संगीत विभाग, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल डा०रेखा साह, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, संगीत विभाग, कुमाऊँ Read More » February 4, 2017