प्रदीप अवस्थी की दस कविताएं एवं वक्तव्य वक्तव्य दो बातें बहुत ज़रूरी हैं – लगातार लिखते रहकर अपने समय को जितना हो सके दर्ज करते रहना और जो अनुपस्थित हैं, जिनसे Read More » April 19, 2016
अनिल कार्की की नई कविताएं अनिल की आंचलिकता से भ्रमित मत होइए, वह अपनी कविताओं के जाहिर दिख रहे स्थानीय आख्यानों में हमारे जीवन और वैचारिकी के महाख्यान छुपा देता Read More » April 16, 2016
नयार की लहरों का लेखा-जोखा ‘मल्यो की डार’ – अनिल कार्की गीता गैरोला की संस्मरण पुस्तक की समीक्षा मैं याद को केवल जगह (स्पेस) नहीं मानता और न वर्तमान से पलायन की शरणस्थली। मैं स्मृति Read More » April 13, 2016
एक अनाम समस्या : बेट्टी फ्रीडन- अनुवाद : सुबोध शुक्ल सुबोध शुक्ल सुपरिचित आलोचक हैं। उनका लेखन हिंदी के इलाक़े में एक नई उम्मीद की तरह है। हमारे अनुरोध पर उन्होंने बेट्टी फ्रीडन के एक महत्वपूर्ण लेख Read More » April 5, 2016