एक क्रोनिक कवि का साक्षात्कार (व्यंग्य) – राहुल देव पूर्वकथन- अँधेरी आधी रात का पीछा करती गहरी घनेरी नींद | नींद में मैं, सपना और दादाजी | दादा जी सपनों में ही आ सकते Read More » January 30, 2016
जुगलबंदी: लीलाधर जगूड़ी की लम्बी कविता “बलदेव खटिक” एवं वीरेन डंगवाल की बहुचर्चित कविता “रामसिंह’ को साथ-साथ पढ़ते हुए – पृथ्वीराज सिंह पृथ्वीराज सिंह को सोशल मीडिया पर मैंने कविता पर उनकी कुछ सधी हुई टिप्पणियों से जाना। कविता की उनकी पढ़त और समझ अब एक रचनात्मक Read More » January 22, 2016
प्रेमपत्र – नवीन रमण हिंदी की कथा और कविता,दोनों में, प्रेमपत्र बहुत दिव्य किस्म की भावुकता का शिकार पद है। कहना न होगा कि प्रेमपत्र कहते ही किस कविता Read More » January 20, 2016
असंग घोष की कविताएं गहरे आक्रोश में डूबी ये कविताएं, कविता होने के पारम्परिक विधान को भी मुंह चिढ़ाती हैं। इनके कथ्य पर बहस हो और क्राफ़्ट पर भी Read More » January 10, 2016
वो तकनीक के साए में ज्ञान से ठगे गए उर्फ़ नब्बे के दशक के लौंडे – अमित श्रीवास्तव की नई कविता ‘वो तकनीक के साए में ज्ञान से ठगे गए’ – नब्बे के दशक लौंडे शीर्षक इस कविता के कुछ रेखांकित किए जाने योग्य उद्बोधनों में Read More » January 4, 2016