अशोक कुमार पांडेय की नई कविता – न्याय अशोक इस बार न्याय की दस कविताओं के साथ उपस्थित है। गो उसकी हर कविता मनुष्यता के पक्ष में न्याय की अछोर-अटूट पुकार है लेकिन Read More » October 29, 2013
हिन्दी दलित आत्मकथाओं में स्वानुभूति –जगदीश चन्द्र स्वानुभूति- हिन्दी दलित आत्मकथाओं में जो एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आता है वो है इन आत्मकथाओं में स्वानुभूति तथा सहानुभूति का इस पर Read More » October 10, 2013
अमित श्रीवास्तव की नई कविता ये ऐसे समय की कविता है जब मारे दिए जाने के लिए जन्म लेना भर काफ़ी होता है। समकाल की कड़ी पड़ताल अमित की इस Read More » October 8, 2013