प्रेम के उद्दीप्त आलोक में कविता – ओम निश्चल धनुष पर चिड़िया कवि: चंद्रकांत देवताले चयन व संपादन: शिरीष कुमार मौर्य प्रकाशक:शाइनिंग स्टार एवं अनुनाद उत्तराखंड मूल्य:रु.200 धीरे धीरे उम्र की छलॉंगें लगाते हुए Read More » March 13, 2012
हमारे साथ हमारे गिर्दा इस वीडियो में गिर्दा होली नहीं गा रहे हैं …ये उनका अलग गीत है पर उनकी याद दिनों दिन बढती ही जाती है और वार-त्यौहार Read More » March 8, 2012
अंदाजों का गणित – राग तेलंग रसोईघरों में तीन सौ साठ अंशों की व्यस्तता के फलक में हर लम्हा-हर एक छोटे से कोण में मौजूद दिखतीं स्त्रियाँ नमक-मिर्च, शक्कर, हल्दी-धनिया और Read More » March 3, 2012