फकुन्दो कब्राल – अनुवाद तथा प्रस्तुति – यादवेन्द्र पूरे लैटिन अमेरिका में बेहद सम्मानित 74 वर्षीय लोक गायक और लेखक फकुन्दो कब्राल की पिछले महीने बन्दूकधारी अपराधियों ने दिन दहाड़े गोली मार कर Read More » August 30, 2011
रुलाई चित्र गूगल से साभार मुझे नहीं पता मैं पहली बार कब रोया था हालांकि मुझे बताया गया कि पैदा होने के बाद भी मैं खुद Read More » August 27, 2011
दो नेपाली कविताएं – विक्रम सुब्बा – अनुवाद तथा प्रस्तुति- अनिल कुमार ओख्कर (अखरोट) छूकर देखा तुम्हारा दिल अखरोट के आकार का है जिसे चूमने के बाद पता चला कि अखरोट के नर्म गूदे की तरह सुस्वादु Read More » August 18, 2011
मृत्युजंय के पद – विपद 1. साधो, भ्रष्टन के कंह लाज ! चाल चरित्र चित्र सब चकचक, चौचक चपल समाज कर्नाटक की कुञ्ज गलिन में, किलकत हैं बेल्लारी, येदुरप्पा के Read More » August 10, 2011
यादवेन्द्र की कविता – कुहासा एक सुखद आश्चर्य की तरह आज याद्वेन्द्र जी का मेल मिला और साथ मे यह कविता..अनुनाद के पाठक ज़रूर इसे पसन्द करेंगे… ____________________________________________ *** शिरीष, Read More » August 8, 2011