विज्ञान के दरवाज़े पर कविता की दस्तक- दूसरी कड़ी प्रस्तुति – यादवेन्द्र पूरी कविता और इस पर बहस के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें … द पब्लिक एजेंडा के नवम्बर 2010 में प्रकाशित साहित्य विशेषांक में Read More » July 27, 2011
रिक्शे की कविता : प्रस्तुति – यादवेन्द्र विज्ञान के दरवाज़े पर कविता की दस्तक स्वर्गीय रघुवीर सहाय ने आज से करीब बीस साल पहले रिक्शे को केंद्र में रख कर एक कविता लिखी थी साईकिल Read More » July 21, 2011
रीसम हेले- चयन और प्रस्तुति: यादवेन्द्र रीसम हेले अफ़्रीकी देश इरीट्रिया के सबसे लोकप्रिय कवि हैं — उनकी लोकप्रियता कविताओं की विषय वस्तु और लोक संस्कारों में रची बसी शैली के Read More » July 15, 2011
अपनी भाषा को समझने के बारे में – यादवेन्द्र पिछले अक्तूबर में चीन के कुछ इलाकों में तिब्बती भाषा के बोलने लिखने और पढ़ाये जाने पर जब सरकारी पाबन्दी लगा दी गयी तो नौजवानों Read More » July 14, 2011
उत्तरा महिला पत्रिका से एक कविता मेरे विभाग की अत्यन्त वरिष्ठ सहयोगी प्रोफेसर उमा भट्ट की अगुआई में ‘उत्तरा महिला पत्रिका’ काफी सालों से निकल रही है। उसका हर अंक संग्रहणीय Read More » July 7, 2011