क़ालीन
गर्व की तरह होता है इसका बिछा होना
छुप जाती है बहुत सारी गंदगी इसके नीचे
आने वाले को दिखती है
सिर्फ आपकी संपन्नता और सुरुचि
इस तरह बहुत कुछ दिखाने
और उससे ज्यादा छिपाने के काम आता है क़ालीन
आम राय है कि कालीन बनता है ऊन से
पर जहीर अंसारी कहते हैं,
ऊन से नहीं जनाब, खून से
ऊन दिखता है
चर्चा होती है, उसके रंग की
बुनाई के ढंग की
पर उपेक्षित रह जाता है ख़ून
बूंद-बूंद टपकता
अपना रंग खोता, काला होता चुपचाप
आपकी सुरुचि और संपन्नता के बीच
इस तरह खून का आ टपकना
आपको अच्छा तो नहीं लगेगा
पर क्या करूँ, सचमुच वह खून ही था
जो कबीर, अबीर, भल्लू और मल्लू की अंगुलियो से
टपका था बार-बार
इस खूबसूरत कालीन को बुनते हुए
पश्चापात के ताप में इस तरह क्यों झुलसने लगे जनाब?
आप अकेले नहीं हैं
सुरुचि संपन्ना के इस खेल में
साक्षरता अभियान के मुखिया के घर में भी
दीवार पर टंगा है एक खूबसूरत कालीन
जिसमें लूम के सामने खड़ा है एक बच्चा
और तस्वीर के ऊपर लिखा है...
मुझे पढऩे दो, मुझे बढऩे दो
वैष्णव कवि और क्रांति-कामी आलोचक के
घरों में भी बिछे हैं खूबसूरत कालीन
जिनसे झलकता है उनका सौंदर्य बोध
कवि को मोहित करते हैं
कालीन में कढ़े हुए फूल पत्ते
जिनमें तलाशता है वह वानस्पतिक गंध
और मानुष गंध की तलाश करता हुआ आलोचक
उतरता है कुछ और गहरे
और उछालता है एक वक्तव्यनुमा सवाल
जिस समय बुना जा रहा था यह कालीन
घायल हाथ, कुछ सपने भी बुन रहे थे साथ-साथ
कालीन तो बन-बुन गया
पर सपने जहां के तहां हैं
ऊन-खून और खंडित सपनों के बीच
हम कहां हैं?
आलोचक खुश होता है
कि उत्तर से दक्षिण तक
दक्षिण से वाम तक
दक्षिण से वाम तक
वाम से अवाम तक
गूंज रहा है उसका सवाल
अब तो नहीं होना चाहिए
कबीर, अबीर, भल्लू और मल्लू को कोई मलाल...
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स्त्री विमर्श में एसएमएस की भूमिका
दिल्ली परिवहन निगम की ठसाठस भरी बस में
असहजता के सहज बिंब सी खड़ी लड़की
चारों ओर से चुभती निगाहें
अनायास का आभास देते सायास-स्पर्श
ढीठ फब्तियां कसने वाले मवाली
और मददगार बनकर प्रकट होने वाले
कुछ ज्यादा ही उदार लोग.
इन सबके बीच ऐसा कुछ भी तो नहीं है
कि एक लड़की के होठों पर थिरकने की
हिम्मत कर सके मुस्कान
पर मुस्कुरा रही है वह
कि अभी-अभी आया है एक एसएमएस
और वह भूल गयी है डीटीसी की बस
चुभती निगाहें ढीठ
और अति उदार लोगों की उपस्थिति
आखिर क्या लिखा होगा उस एसएमएस में
कि तमाम असहज परिस्थितियों को ठेंगा दिखाते हुए
वह मुस्कुराए जा रही है लगातार
कोई नौकरी मिल गई है उसे
मां-बाप ने ढूंढ लिया है
सपनों का कोई राजकुमार
किसी सहेली ने कोई चुटकुला फॉरवर्ड किया है
या किसी लड़के ने किया है प्रेम का इजहार
या... या...या...या?
एक एसएमएस में छिपी हैं संभावनाएं अनंत
स्त्री सशक्तीकरण के इतिहास में
क्या दर्ज होगी इस एसएमएस की भूमिका
कि इसके आते ही एक लड़की के लिए
किसी भुनगे सी हो गई है जालिम दुनिया....