कम लोगों को याद रहा कि कल केदार जी का जन्मदिन था...सौवां जन्मदिन...साहित्य के सत्ता वर्ग के लिए वह हमेशा से एक असुविधा रहे हैं और इसी लिए साहित्य के इन ठेकेदारों ने उन्हें अपने आयोजनों से हमेशा बहिष्कृत रखा है. इस साल जब जन्मशताब्दियों का बोलबाला रहा तो भी वह भुला ही दिए गए...लेकिन जिनके पक्ष में उन्होंने आवाज़ बुलंद की उनकी विस्मृति दुखद है...खैर यहाँ उनकी कुछ छोटी कवितायें उनके संकलन 'कहें केदार खरी-खरी' से…ध्यान रखना होगा कि इनमें से अधिकांश का रचनाकाल आपातकाल का दौर रहा है…
आग
कुछ है
इस जंगल में
सिवाय जंगल के
जो है आग है
सब के लिए
सिवाय सरकार के लिए
जो न बुझी
भभकी
फिर भभकी
प्रतिकार के लिए
अस्तित्व के अधिकार के लिए
न्याय-अन्याय
न्याय
मिले, न मिले
अन्याय तो
अवश्य मिलेगा
उलटफेर से, चलती अदालत में।
पैसा
सिर पर चढ़ा पैसा
सिद्ध और सर्वशक्तिमान है
जमीन पर गिरा आदमी
दीन हीन और परेशान है।
सच-झूठ
सच पर
लदे हैं
झूठ के पोथन्ने
न्याय की मुहिम
सच को नहीं उबारती
संत्रास से
केदारनाथजी अग्रवाल कि कविताओं के लिए धन्यवाद ,कुछ ही दिन पहले केदारनाथ जी कि कविता ''सार्त्र कि कब्र पर पढ़ी'अद्भुत....!केदार नाथ जी कि कविताओं में व्यर्थ कि भावुकता आरोपित नहीं होती साथ ही मानवीय मसलों कि प्रबल पक्षधर होने के नाते ये नागार्जुन से साम्यता भी रखती हैं!अशोक जी,केदारनाथ जी जैसे कवियों का ज़न्म शताब्दी वर्ष याद न रखना ,उनके साहित्यिक और मानवीय योगदान को भूलना नहीं है!उनका साहित्य हमारे साथ है और हमेशा जिंदा रहेगा उनकी याद दिलाता हुआ !
ReplyDeleteआपका ब्लॉग देखा | बहुत ही सुन्दर तरीके से अपने अपने विचारो को रखा है बहुत अच्छा लगा इश्वर से प्राथना है की बस आप इसी तरह अपने इस लेखन के मार्ग पे और जयादा उन्ती करे आपको और जयादा सफलता मिले
ReplyDeleteअगर आपको फुर्सत मिले तो अप्प मेरे ब्लॉग पे पधारने का कष्ट करे मैं अपने निचे लिंक दे रहा हु
बहुत बहुत धन्यवाद
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
http://vangaydinesh.blogspot.com/
sheerish jee !
ReplyDelete.yadvendraa jee !
namaskaar !
kedaar jee ki janam shati pe shradaha suman ! bahut dino se aaj ne net pe aaya hoo , kyuni ki hamaare pujya pitaa jee bhi 23 march 2011 100 varsh pure kar dev lok gaman kar gaye . is liye samay pe is post pe aane se nbanchit raha , kedaar jeee ki choti magr gahre bhaavo wali kavitao ke liye aap ko sadhuwad ,
saadar