1943 में जनमी विकी फीवर अंग्रेजी में लिखने वाली स्कॉट्लैंड की प्रमुख कवि हैं,जिन्हें स्त्री विषयक कविताओं के लिए जाना जाता है।हांलाकि लम्बे रचना काल में उन्होंने तीन कविता संग्रह ही प्रकाशित किये पर अनेक महत्वपूर्ण प्रतिनिधि कविता संचयनों में उनकी कवितायेँ शामिल की गयी हैं।विश्वविद्यालय में सृजनात्मक साहित्य पढ़ाने के दौरान उन्होंने साहित्यिक रचना प्रक्रिया और बीसवीं सदी की स्त्री कवियों पर महत्वपूर्ण निबंध भी लिखे हैं। यहाँ प्रस्तुत है विकी फीवर की दो छोटी प्रेम कवितायेँ.. 
छतरी
एक छतरी में साथ चलते हुए
थामना पड़ता है एक दूसरे को हमें
कमर के चारों ओर
जिस से कि साथ बना रहे...
तुम चकित हुए जा रहे हो
कि आखिर क्यों मुस्कुरा रही हूँ मैं...
सीधी सी वजह ये कि सोच रही हूँ
बारिश होती रहे यूँ ही
उम्र भर के लिए.
***

छतरी
एक छतरी में साथ चलते हुए
थामना पड़ता है एक दूसरे को हमें
कमर के चारों ओर
जिस से कि साथ बना रहे...
तुम चकित हुए जा रहे हो
कि आखिर क्यों मुस्कुरा रही हूँ मैं...
सीधी सी वजह ये कि सोच रही हूँ
बारिश होती रहे यूँ ही
उम्र भर के लिए.
***
कोट
कई बार मेरी इच्छा होती है
तुम्हें वैसे ही परे झटक दूँ
जैसा किया करती हूँ मैं
भारी भरकम से कोट के साथ.
कभी कभी मैं खीझ के कह भी देती हूँ
तुम मुझे बिलकुल उस तरह से ढांप लेते हो
कि मैं सांस नहीं ले पाती
और न ही हिलना डुलना होता है मुमकिन.
पर जब मुझे मिल जाती है आज़ादी
हल्का फुल्का कपडा पहनने की
या बिलकुल ही निर्वस्त्र होने की
लगने लगती है ऐसे में मुझे ठण्ड
और मैं सोचने लगती हूँ लगातार
कि कितना गर्म होता था कोट.
***