अनुनाद

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काले द्वीप : मार्टिन एस्पादा

काले द्वीप

दारियो के लिए

इएला नेग्रा* में
नेरुदा
की कब्र और बगीचे में पड़े लंगर के बीच
उस आदमी ने, जिसके हाथ पत्थर तोड़ने वालों
जैसे थे, पांच साल के अपने बच्चे को उठाया
ताकि
उस बच्चे की आँखें
मेरी
आँखों को टटोल सकें.
बच्चे
की आँखें मानो काले फल जैतून के.
बेटा, कहा बाप ने, ये कवि हैं
पाब्लो नेरुदा की तरह.
बच्चे
की आँखें मानो काला शीशा.
मेरे बेटे को दारियो कहकर बुलाते हैं
निकारागुआ के कवि** के नाम पर,
बाप
ने बताया.
उस
बच्चे की आँखें मानो काले पत्थर.
मेरे
चेहरे पर कविता को ढूँढते हुए,
मेरी
आँखों में अपनी आँखों को ढूँढते हुए,
उस
बच्चे ने कुछ नहीं कहा.
उस
बच्चे की आँखें मानो काले द्वीप.

******

*इएला नेग्रा चीले के मध्य में स्थित एक तटवर्ती इलाका है जहाँ पाब्लो नेरुदा का का घर है. स्पैनिश में इएला नेग्रा का अर्थ है ‘काला द्वीप’; वहाँ के तट पर स्थित काले पत्थरों के कारण यह नाम खुद नेरुदा ने दिया था.

**स्पैनिश-अमेरिकी साहित्य में मॉडर्निज़्मो (आधुनिकतावाद) के प्रणेता, निकारागुआ के महान कवि रूबन दारियो .

(आज 12 जुलाई को नेरुदा के जन्मदिन के मौके पर यह कविता मार्टिन एस्पादा के संकलन ‘रिपब्लिक ऑफ़ पोएट्री’ से; ऊपर लगी तस्वीर नेरुदा के बागीचे में रखे लंगर की है जिसका ज़िक्र कविता में आया है)

0 thoughts on “काले द्वीप : मार्टिन एस्पादा”

  1. हमेशा की तरह सुंदर प्रस्तुती। आपके कविता चयन का प्रशंसक हो चुका हूं।

  2. भारत भाई इतनी नाज़ुक और शानदार कविता को यहाँ तक पहुँचने के लिए शुक्रिया. कल से उन काले द्वीपों के बारे में सोच रहा हूँ. आपका चयन हमेशा बेचैन करने वाला होता है.

  3. Pratirodh ki is mahan kavita ko America tak men maqbool kiya ja raha hai. Apne yahan to kali bhed bhari hain pratirodhi sahityik sangthno men bhi. Neruda par likhkar career shuru karne wale kisi borhes ki dhapli baja rahe hain. Bharat bhai apki post hamesha ki tarh shandar hai.

  4. वाह! बहुत ही खूबसूरत कविता, अनुवाद और उन्हें देने का मौका सब कुछ. भारत जी का बहुत आभार!

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