एक कविता `माँ` की छवि के विरुद्ध
नवरात्र के अनुष्ठानों के बीच माँ की महिमा के शोरोगुल में स्त्री को घर और बाहर, कदम-कदम पर अपमानित करने का अनुष्ठान भी उत्साह के
नवरात्र के अनुष्ठानों के बीच माँ की महिमा के शोरोगुल में स्त्री को घर और बाहर, कदम-कदम पर अपमानित करने का अनुष्ठान भी उत्साह के
लीना टिब्बी १९६३ में सीरिया की राजधानी दमिश्क में जन्मी और अनेक देशों में (कुवैत, लेबनान, यूनाईटेड अरब अमीरात , साइप्रस, ब्रिटेन, फ्रांस, मिस्र इत्यादि)
अल मर्कोवित्ज़ एक ‘श्रमजीवी’ हैं जो बतौर मुद्रक, स्वास्थ्य-कार्यकर्ता, बावर्ची, माली, टैक्सी-ड्राइवर और फैक्ट्री-श्रमिक काम कर चुके हैं. उनका ‘एक्टिविस्ट’ जहाँ एक ओर रंगभेद, परमाणु
नक्शा यहाँ से साभार (सोहेल नज़्म के अंग्रेज़ी अनुवाद से रूपान्तरित) स्त्री का दिल स्त्री का दिल इकलौता ऐसा मुल्क हैजहां मैं दाखिल हो सकता
तस्वीर यहाँ से साभार कभी-कभी मैं तुम्हें याद करता हूं नन्हीं रूथ हम अलग हो गए थे अपने सुदूर बचपन में कहीं और उन्होंने तुम्हें
वह लौट कर आया और गोली मार दी. उसने उसे गोली मार दी. जब वह लौटा, उसने गोली मारी, और वह गिरा, लड़खड़ाते हुए, शैडो