अनुनाद

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गीत चतुर्वेदी की कविताएँ

(गीत युवा पीढी की एक बहुत बड़ी सम्भावना और महत्वाकांक्षा हैं। उनसे उम्मीदें बहुत ऊंची हैं और इस ऊँचाई को पाने का रचनात्मक साहस और

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जिसके बिना मनुष्‍य होने में सम्‍पूर्णता नही : पंकज चतुर्वेदी की दो कविताएँ

आज के सबसे सुखद समाचार की तरह पंकज जी की ये दो कविताएं मिलीं। बच्चे के लिए उन्होंने जो कुछ लिखा, वो दुनिया भर के

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बतकही ……2

व्योमेश शुक्ल की यह प्रश्नोत्तरी सापेक्ष के आलोचना महाविशेषांक से – दूसरी तथा अन्तिम किस्त आपकी नज़र में समकालीन लेखन की बुनियादी पहचान क्या हो

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बतकही ….

व्योमेश शुक्ल की यह प्रश्नोत्तरी सापेक्ष के आलोचना महाविशेषांक से – पहली किस्त अपनी रचना-प्रक्रिया पर प्रकाश डालिए। आलोचना में रुचि क्यों और कैसे हुई?

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रात में शहर

दिन की सबसे ज़्यादा हलचल वाली जगहें हीसबसे ज़्यादा खामोश हैं अब चौराहे पर अलाव जलायेपान की दुकान के बन्द होते समय नियम से सुरक्षा

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मनमोहन की कविताएँ

स्मृति में रहना स्मृति में रहना नींद में रहना हुआ जैसे नदी में पत्थर का रहना हुआ ज़रूर लम्बी धुन की कोई बारिश थी याद

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फ़रोग फरोखज़ाद की कविताएं : अनुवाद एवं प्रस्तुति – यादवेन्द्र

आज से 74 वर्ष पूर्व तेहरान में एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी फ़रोग इरानी स्त्रीवादी कविता की अगवा मानी जाती हैं। हालांकि वे महज 32

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