Thursday, December 11, 2008
6 comments:
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आभार।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसुबह सुबह कुछ सुना ....
ReplyDeletehamre yaha.n nirgun gate samay aksar ye geet gaya jaata tha...! thanks
ReplyDeleteकुमार गन्धर्व की आवाज़ में कबीर हमेशा एक अलौकिक अनुभव होता है। सुनवाने का आभार।
ReplyDeletekumar ji par apane likha achchha laga.
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