ये मेरे ब्लॉग पर सौवीं पोस्ट है और मैं इस अवसर पर कुमार गन्धर्व की सम्मोहक आवाज़ और गायकी में कबीर का एक मशहूर भजन प्रस्तुत कर रहा हूँ। इन दोनों महापुरुषों को अनुनाद का सलाम।
Tuesday, September 9, 2008
21 comments:
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प्रिय भाई सबसे पहले तो सौंवी पोस्ट की बधाई.
ReplyDeleteऔर कुमार जी के हँस को मन के आकाश में परवाज़
देने के लिये हार्दिक आभार...
शब्द का यह सफ़र रहे जारी.
और दो सौंवी पोस्ट की करें तैयारी.
शुभेच्छाएँ.
सौवीं पोस्ट की शत शत बधाई .
ReplyDeleteBadhi ho.
ReplyDeleteअलौकिक स्वर में अलौकिक प्रस्तुति।
ReplyDeleteसौंवीं पोस्ट पर बधाई। मैं हमेशा हैरान होती हूं देखकर कि लोग कितनी लगन से ब्लॉगिंग करते हैं, खुद़ की काहिली ज़रा सी शर्मिंदगी भी होती है ऐसे में। बहुत बहुत बधाई।
badhai sweekar karen bhai...
ReplyDeleteसैकड़ा पूरा करने की बधाई।
ReplyDeleteसौवीं पोस्ट पूरी करने पर सभी काहिल-आलसियों की ओर से बधाई।
ReplyDeleteपहले सैंकड़े की बधाई।
ReplyDeleteCongrats Anunaad jee on your century.And for giving this opportunity of an transedental experience !
ReplyDelete"Congrates sir"
ReplyDeleteRegard
धन्यवाद दोस्तो !
ReplyDeleteShubh kamnayen!
ReplyDeleteyeh ek lokpriya ptrika bane !
-----Ajey
मेरे लिए मामला सौवीं पोस्ट का नहीं है बल्कि ये है कि एक के बाद एक बेहतर चीजें मिल जाती हैं, आपके यहां। इस तरह अपरिचय होते हुए भी परिचय है आपसे। बधाई
ReplyDeleteबधाई एवं शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteबधाई!
ReplyDeleteबधाई..
ReplyDeleteशानदार शतक के लिये बधाई। आगे के लिये शुभकामनायें।
ReplyDeleteबौफ़्फ़ाइन मेरे आलसी लल्ला! झूठ तो ना कैरिया बेते!
ReplyDeleteशानदार शतक! शत-शत बधाई मेरे भाई!
ReplyDeletelekin ye bhajan sun nahi pa raha
ReplyDeleteab sunayee para.... bada dard hai. shabd aspasht hain.
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